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पाँव में चुभने लगे .

देश पर चर्चा चली तो,प्रश्न भी उठने लगे। शर्म से चेहरे हमारे,बेतरह झुकने लगे॥ १ आँधियों के पाँव में तो,बेडियाँ डाली नही। दीपकों से रोशनी के,वायदे करने लगे॥२ होंसले लेकर चले थे,रहबरों के साथ हम। वे रास्ते ही रहबरों के पाँव में चुभने लगे॥ ३ जब उजालों से रही,पहचान न बिल्कुल कोई। जुगनुओं की रौशनी को,रौशनी कहने लगे॥४ तारीख लिखेगी तुम्हारे कर्म की हर दास्ताँ। सर कटाकर किस तरह, मगरूर तुम रहने लगे॥५ की है तरक्की आदमी ने इस कदर, है अब तलक। लड़ते थे जो कि पत्थरों से ,बारूद से लड़ने लगे॥६ रचनाकार --- मेरे पिता श्री देवेन्द्र सिंह त्यागी

अमेरिका भारत की धार्मिक नीतियों के बारे में बोलना बंद करे.

अब भारत सरकार की धार्मिक निति क्या हो और उसे पूरे देश में किस प्रकार लागू किया जाय ?इसकी चिंता अमेरिका सरकार को सताने लगी है। इस्लामिक देशों की अपने अपने देश में अल्पसंख्यकों के प्रति क्या निति है किस प्रकार सरेआम वहां अल्पसंख्यकों को मोत के घाट उतारा जा रहा है, किस प्रकार मानवाधिकारों की वहां धज्जियाँ उडाई जा रही हैं,यह सब देख सुनकर भी अमेरिका किसी भी छोटे मोटे इस्लामिक देश के विरूद्ध एक भी शब्द बोलने का साहस नही कर पाता। चीन की किसी भी घरेलू निति के बारे में बोलने में जिस अमेरिका की रूह कापती है,आस्ट्रेलिया में हो रहे भारतीय समाज पर हमलों के बारे में जिसने एक शब्द भी नही बोला है,वह आज भारत की धार्मिक निति पर खुले आम बयानबाजी कर रहा है तथा एक रिपोर्ट तैयार कराई है। जी हाँ ,अभी हाल ही में अमेरिका के लोकतंत्र ,मानवाधिकार और श्रम मामलों के सहायक मंत्री माइकल एच पोजर ने भारत की केन्द्र सरकार की धार्मिक निति पर बोलते हुए कहा है की ,"प्रश्न यह है कि भारत की केन्द्र सरकार की निति को स्थानीय स्तर पर किस प्रकार लागू किया जाय। " अमेरिका ने इस मामले में जो रिपोर्ट तैयार की है,उसमे कां

१५ ओक्टुबर को दुर्गा भाभी की पुन्य तिथि पर मेरा शत- शत नमन

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक क्रांतिकारी थे भगवतीचरण वोहरा। भगत सिंह जी का पूरा संगठन उनको बड़ा भाई मानता था। उनकी धर्मपत्नी का नाम था दुर्गा, और यही दुर्गा इतिहास में दुर्गा भाभी का नाम पाकर अमर हो गई। जिस समय सरदार भगत सिंह जी व उनके साथियों ने लाला लाजपत राय जी की म्रत्यु का बदला लेने के लिए दिन दहाड़े सांडर्स को गोलियों से उड़ा दिया था। तो अंग्रेज एकदम बोखला गए थे। उन्होंने चप्पे चप्पे पर क्रांतिकारियों को पकड़ने के लिए निगरानी शुरू कर दी। क्रांतिकारियों के लाहोर से निकलने में दुर्गा भाभी का योगदान अविस्मरनीय है। उस समय भगवतीचरण वोहरा फरार थे। दुर्गा भाभी लाहोर की एक छोटी सी गली में एक मकान में रह रही थी। भगत सिंह जी की पत्नी बनकर उन्होंने भगतसिंह व राजगुरु को लाहोर स्टेशन से लखनऊ तक पहुचाया। उनके साथ उनका पुत्र शचीन्द्र भी था। राजगुरु जी उन के नोकर के रूप में थे। इसके बाद भगत सिंह व बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली असेम्बली में बम फैंका, और अपनी ग्रिफतारी दे दी।उसके पश्चात् जब भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को फांसी की सजा हो गई तब दुर्गा भाभी,सुसीला दीदी तथा साथियों ने मिलकर जेल से भगत सि

आवश्यकता है अभी एक और स्वतंत्रता संग्राम की

सम्पूर्ण विश्व ने सदियों से भारत पर लगातार आक्रमण किए हैं किंतु मुख्यतः मुग़ल और ब्रिटिश लोगो को ही अधिक सफलता मिली है। मुग़ल और ब्रिटिश लोग भी इस राष्ट्र पर कभी पुर्णतः राज नही कर सके।भारत जब गुलाम था और यहाँ मुग़ल और ब्रिटिश साम्राज्यवादियों का साम्राज्य था ,उस समय देश में किसी न किसी जगह क्रांति चलती ही रहती थी और यहाँ के लोगो ने प्राण गवाएं पर कभी मन से दासता स्वीकार नही की किंतु आज देश के एक बड़े वर्ग ने पराधीनता और गुलामी स्वीकार ली है और जिनकी पराधीनता स्वीकार की है ,अब उनका उद्देश्य पूरे राष्ट्र को पराधीन बनाने का है और इस कार्य को बड़ी कुशलता के साथ क्रियान्वित कर रहे हैं। उन्होंने चारो तरफ़ ऐसा जाल बिछाया है की इसको हर कोई आराम से समझ भी नही पाता एक ऐसा माहौल बना दिया है की किसी भी भारतवासी में आत्मसम्मान या आत्मविश्वास जाग्रत न हो जाए और अपने को हीन भावना से ही ग्रस्त समझे। वर्तमान में पूरे विश्व में ये अकेला देश ऐसा है जिसको अपनी भाषा में लिखते-बोलते-पढ़ते शर्म आती है जो अमेरिका और ब्रिटेन की नौकरी करना पसंद करता है या सिर्फ़ एक उपनिवेश बन कर रहना चाहता है। यहाँ के उधोगप

हिंदू शब्द की उत्पत्ति १७ वीं शताब्दी में हुई.निर्लज्ज व्यक्तियों का झूंठ.

कुछ ब्लोगर्स ने आजकल हिंदू संस्कृति को बदनाम करने का ठेका ले रक्खा है वो चाहे हिंदू त्यौहार हों अथवा हिंदू देवी देवता। और इससे भी बड़ा दुख जब होता है जब हिंदू समाज के ही कुछ लोग उनके समर्थन में टिपण्णी छोड़ते है। अभी हाल ही में मैंने एक ब्लॉग पर एक लेख पढ़ा। वह बुद्धिहीन ब्लोगर लिखता है कि "हिंदू शब्द की उत्पत्ति १७ वीं शताब्दी में हुई है।" उदहारण के रूप में उसने नेहरूकी डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया" का उदाहरण प्रस्तुत किया है। नेहरू की वह पुस्तक नेहरू की तरह झूंठ का पुलिंदा है। नेहरू अपने आप में कितना झूठा व हिंदू विरोधी था यह सच आज सबके सामने खुलता जा रहा है। हिंदू शब्द भारतीय विद्दवानो के अनुसार कम से कम ४००० वर्ष पुराना है। शब्द कल्पद्रुम : जो कि लगभग दूसरी शताब्दी में रचित है ,में मन्त्र है............. "हीनं दुष्यति इतिहिंदू जाती विशेष:" अर्थात हीन कर्म का त्याग करने वाले को हिंदू कहते है। इसी प्रकार अदभुत कोष में मन्त्र आता है......................... " हिंदू: हिन्दुश्च प्रसिद्धौ दुशतानाम च विघर्षने"। अर्थात हिंदू और हिंदु दोनों शब्द दुष्टों को न