बन्दर नाच (tufail chaturvedi ji )
महाराष्ट्र सरकार ने उन मदरसों के, जो आधुनिक विषय नहीं पढ़ा रहे हैं, को स्कूल न मानने और उनका अनुदान बंद करने का निर्णय लिया है। इस पर कई मुस्लिम और कांग्रेसी राजनेता, पत्रकार, मीडिया चैनल चिल्ल-पौं मचा रहे हैं। लगभग "भरतपुर लुट गयो रात मोरी अम्मा' वाली नौटंकी चल रही है। ये अनुकूल समय है कि इसी बहाने शिक्षा के उद्देश्य, उसको प्राप्त करने की दिशा में मदरसा प्रणाली की सफलता और उन राजनेताओं, पत्रकारों की भी छान-फटक कर ली जाये। आख़िर किसी योजना के शुरू करने, वर्षों चलाने के बाद उसको लक्ष्य प्राप्ति की कसौटी पर खरा-खोटा जांचा जायेगा कि नहीं ? ये पैसा महाराष्ट्र में लम्बे समय तक शासन करने वाले कॉंग्रेसी मुख्यमंत्रियों, शिक्षा मंत्रियों के घर का पैसा नहीं था। ये धन समाज का है और समाज का धन नष्ट करने के लिये निश्चित ही नहीं होता। सदैव से शिक्षा का मुख्य उद्दे...