शठे शाठ्यम समाचरेत (tufail chaturvedi )
ग़ज़वा-ए-हिन्द यानी भारत को जीतने का पुराना स्वप्न, कुत्सित आँखों की विभिन्न चरणों की योजना सदियों से चल रही है। ख़ासी सफल भी हुई है। वृहत्तर भारत की बहुत सारी धरती भारत से अलग की जा चुकी है। आपसे, इसी के एक चरण अर्थात बांग्ला देश को विराट भारत से अलग करने के षड्यंत्र के बारे में पिछले अंक में चर्चा हो चुकी है। उसी षड्यंत्र के एक और भाग म्यांमार की बातचीत आज करना चाहता हूँ। मूर्ति पूजक, प्रकृति पूजक, बौद्ध तंत्र तथा बुद्ध धर्म की महायान शाखा को मानने वाला म्यांमार या बर्मा भारत, थाईलैंड, लाओस, बांग्लादेश और चीन से घिरा हुआ देश है। इसका आकार 6,76,578 वर्ग किलोमीटर का है। इसकी धरती रत्नगर्भा है। माणिक, जेड जैसे कीमती जवाहरात, तेल, प्राकृतिक गैस और अन्य खनिज संसाधनों से समृद्ध यह देश बहुत समय से उथलपुथल से भरा हुआ है। यहाँ सैन्य शासन लगातार उपस्थिति बनाये हुए है। सैन्य शासन समाप्त होने के बाद भी राजनैतिक दल सैन्य अधिकारियों से भरे हुए हैं। बर्मा में भी मुस्लिम धर्मांतरण के साथ संसार के अन्य सभी देशों में होने वाली उथल-पुथल शुरू से है। सभी अमुस्लिम देशों जिनमें इस्लाम का प्रवेश हो ग