राजनीती की मण्डी में सी० बी० आइ०(c.b.i.) रंडी की ओकात रखती है.
पिछले कुछ वर्षों से केंद्र की संप्रग सरकार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के पीछे हाथ-मूंह धोकर पड़ी थी। वहीँ मायावती ने भी कोंग्रेस को कोसने में कोई कमी नहीं की थी। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि सभी विपक्षियों के केंद्र सरकार के विरूद्ध खड़े होने के तुरंत बाद मायावती अचानक पलटा मार कर कोंग्रेस के पक्ष में खडी हो गयी और संप्रग सरकार की सभी नीतियों को ठीक बताया।
उससे पुर्व भी सन २००७ में परमाणु समझोते में जब सरकार को महसूस होने लगा कि वामपंथी दल इस समझोते में उसका समर्थन नहीं करेंगे तो अचानक मुलायम सिंह ने सरकार के साथ सहमती जता दी, ओर संप्रग सरकार को समर्थन दे दिया।
इसी प्रकार बोफोर्स के आरोपी व सोनिया गाँधी के मित्र क्वात्रोची को भी संप्रग सरकार ने क्लीन चिट दे दी ।
पिछली सरकार में लालू प्रसाद यादव संप्रग सरकार के साथ थे,उनके विरूद्ध कई घोटालों के मुक़दमे चल रहे थे तथा फैंसला भी आने वाला था कि अचानक उस न्यायधीश का तबादला हो गया जो लालू के केस को देख रहा था। तथा इन्कमटेक्स के ऑफिसरों की मीटिंग में सारा का सारा मामला ही ढीला कर दिया गया। लालू को संप्रग सरकार के समर्थन का इनाम मिल गया।
ये सारे के सारे मामले यूं तो देखने में अलग अलग है,किन्तु इनमे दो बातें कोमन हैं।
१..संप्रग सरकार २..सी० बी० आइ०
उपरोक्त सभी मामले संप्रग की सरकार में सी० बी० आइ० के हवाले थे । देश में कोई भी घोटाला हो तो सी० बी० आइ० से जांच कराने की मांग उठती है। जनता समझती है कि सी० बी० आइ० निष्पक्षता से जांच करेगी। किन्तु क्या कभी ऐसा होता है?
सी० बी० आई ० के एक पूर्व निदेशक का कहना है कि क्वात्रोची को क्लीन ची देना बिलकुल गलत था क्योंकि उसके विरूद्ध पूरे पुख्ता सबूत सी० बी० आइ० के पास मोजूद थे। अभी हाल ही में उन्होंने यह भी कहा है कि सी० बी० आइ० अपने से कुछ भी तय नहीं कर सकती है । किस मामले को दबाना है, तथा किस को गर्माना है , यह सब सरकार ही करती है।
अब देखिये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री मायावती को आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में पहले सी० बी० आइ० से कहलाया गया कि उसके खिलाफ पूरे सबूत हैं। लेकिन मायावती के संप्रग के पक्ष में बोलते ही सी० बी० आइ० ने कह दिया कि केस में कोई दम ही नहीं है।
यही २००७ में मुलायम सिंह यादव व उसके परिवार भी कुछ एसा ही हुआ। परमाणु समझोते में वामपंथियों के सरकार के साथ नहीं रहने पर मुलायम ने सरकार का समर्थन किया और जिस कोंग्रेसी नेता ने इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की सी० बी० आइ० जाँच की मांग की थी,अपनी याचिका वापस ले ली।
वहीँ दूसरी ओर सी० बी० आइ० लोकप्रिय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरूद्ध कुछ ज्यादा ही सक्रीय नजर आ रही है। गोधरा हत्या काण्ड के बाद के दंगे हों या फिर सोहराबुदीन मुठभेड़ ,गुजरात सरकार व नरेंद्र मोदी को रोज ही घेरा जा रहा है। जबकि पुरे देश को पता है कि सोहराबुद्दीन एक आतंकवादी था तथा दाउद का पुराना सहयोगी रहा है।
वहीं छात्तिसगड़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर विधायकों की खरीद के पर्याप्त सबूत जुटाने पर भी सी० बी० आइ० उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाई। आंध्र के पूर्व इसाई मुख्यमंत्री पर हजारों करोडो की संपत्ति कहाँ से आई, उसने मंदिरों में आये दान का रुपया चर्चो को दान में क्यों दिया? इन सभी मामलों में सी० बी० आइ० कहाँ गायब हो गयी?
सी० बी० आइ० का जितना दुरूपयोग इन्द्र गाँधी ने किया ,वैसा ही दुरूपयोग यह संप्रग सरकार कर रही है। सरकार का ये कार्य निसंदेह राष्ट्र विरोधी है। सी० बी० आइ० का कार्य किस प्रकार होता है यह अपने आप में एक कटु सत्य है। सी० बी० आइ० एक सरकारी संस्था है इसलिए यह सरकार के इशारे पर ही कार्य करती है।
स्पष्ट रूप से संप्रग सरकार सी० बी० आइ० का दुरूपयोग अपनी सरकार को बचाने में तथा अपने विरोधियों को धुल चटाने के लिए कर रही है ।
सी० बी० आई ० की स्थिति राजनीती में रखैल की तरह हो गयी है ,जिसमे दम है वह उसे अपने पास रख ले।यदि सी० बी० आइ० के साख को बचाना है तो उसे स्वतंत्र कार्य करने के लिए छोड़ देना चाहिए। किन्तु क्या aisa हो सकेगा ? यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है।
उससे पुर्व भी सन २००७ में परमाणु समझोते में जब सरकार को महसूस होने लगा कि वामपंथी दल इस समझोते में उसका समर्थन नहीं करेंगे तो अचानक मुलायम सिंह ने सरकार के साथ सहमती जता दी, ओर संप्रग सरकार को समर्थन दे दिया।
इसी प्रकार बोफोर्स के आरोपी व सोनिया गाँधी के मित्र क्वात्रोची को भी संप्रग सरकार ने क्लीन चिट दे दी ।
पिछली सरकार में लालू प्रसाद यादव संप्रग सरकार के साथ थे,उनके विरूद्ध कई घोटालों के मुक़दमे चल रहे थे तथा फैंसला भी आने वाला था कि अचानक उस न्यायधीश का तबादला हो गया जो लालू के केस को देख रहा था। तथा इन्कमटेक्स के ऑफिसरों की मीटिंग में सारा का सारा मामला ही ढीला कर दिया गया। लालू को संप्रग सरकार के समर्थन का इनाम मिल गया।
ये सारे के सारे मामले यूं तो देखने में अलग अलग है,किन्तु इनमे दो बातें कोमन हैं।
१..संप्रग सरकार २..सी० बी० आइ०
उपरोक्त सभी मामले संप्रग की सरकार में सी० बी० आइ० के हवाले थे । देश में कोई भी घोटाला हो तो सी० बी० आइ० से जांच कराने की मांग उठती है। जनता समझती है कि सी० बी० आइ० निष्पक्षता से जांच करेगी। किन्तु क्या कभी ऐसा होता है?
सी० बी० आई ० के एक पूर्व निदेशक का कहना है कि क्वात्रोची को क्लीन ची देना बिलकुल गलत था क्योंकि उसके विरूद्ध पूरे पुख्ता सबूत सी० बी० आइ० के पास मोजूद थे। अभी हाल ही में उन्होंने यह भी कहा है कि सी० बी० आइ० अपने से कुछ भी तय नहीं कर सकती है । किस मामले को दबाना है, तथा किस को गर्माना है , यह सब सरकार ही करती है।
अब देखिये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री मायावती को आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में पहले सी० बी० आइ० से कहलाया गया कि उसके खिलाफ पूरे सबूत हैं। लेकिन मायावती के संप्रग के पक्ष में बोलते ही सी० बी० आइ० ने कह दिया कि केस में कोई दम ही नहीं है।
यही २००७ में मुलायम सिंह यादव व उसके परिवार भी कुछ एसा ही हुआ। परमाणु समझोते में वामपंथियों के सरकार के साथ नहीं रहने पर मुलायम ने सरकार का समर्थन किया और जिस कोंग्रेसी नेता ने इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की सी० बी० आइ० जाँच की मांग की थी,अपनी याचिका वापस ले ली।
वहीँ दूसरी ओर सी० बी० आइ० लोकप्रिय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरूद्ध कुछ ज्यादा ही सक्रीय नजर आ रही है। गोधरा हत्या काण्ड के बाद के दंगे हों या फिर सोहराबुदीन मुठभेड़ ,गुजरात सरकार व नरेंद्र मोदी को रोज ही घेरा जा रहा है। जबकि पुरे देश को पता है कि सोहराबुद्दीन एक आतंकवादी था तथा दाउद का पुराना सहयोगी रहा है।
वहीं छात्तिसगड़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर विधायकों की खरीद के पर्याप्त सबूत जुटाने पर भी सी० बी० आइ० उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाई। आंध्र के पूर्व इसाई मुख्यमंत्री पर हजारों करोडो की संपत्ति कहाँ से आई, उसने मंदिरों में आये दान का रुपया चर्चो को दान में क्यों दिया? इन सभी मामलों में सी० बी० आइ० कहाँ गायब हो गयी?
सी० बी० आइ० का जितना दुरूपयोग इन्द्र गाँधी ने किया ,वैसा ही दुरूपयोग यह संप्रग सरकार कर रही है। सरकार का ये कार्य निसंदेह राष्ट्र विरोधी है। सी० बी० आइ० का कार्य किस प्रकार होता है यह अपने आप में एक कटु सत्य है। सी० बी० आइ० एक सरकारी संस्था है इसलिए यह सरकार के इशारे पर ही कार्य करती है।
स्पष्ट रूप से संप्रग सरकार सी० बी० आइ० का दुरूपयोग अपनी सरकार को बचाने में तथा अपने विरोधियों को धुल चटाने के लिए कर रही है ।
सी० बी० आई ० की स्थिति राजनीती में रखैल की तरह हो गयी है ,जिसमे दम है वह उसे अपने पास रख ले।यदि सी० बी० आइ० के साख को बचाना है तो उसे स्वतंत्र कार्य करने के लिए छोड़ देना चाहिए। किन्तु क्या aisa हो सकेगा ? यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है।
bahut hee neechta kee baat hai .c.b.i. ka vastav me durupyog ho raha hai.
जवाब देंहटाएंabsolutely correct, and UPA govt is using the same whore very tactfully
जवाब देंहटाएंराजनीती की मण्डी में सी० बी० आइ०(c.b.i.) रंडी की ओकात रखती है.
जवाब देंहटाएंKya baat hai aik hi line main sab kuch kah diya
rashtriya asmita ke liye yah bahut durbhagya poorn hai.
जवाब देंहटाएंआपकी एक-एक बात सत्य है।ये आप जैसे लोगों की मेहनत का परिणाम है कि लोग इस गद्दारों की सरकार को वेनकाब करने की कोशिस कर रहे हैं
जवाब देंहटाएं@ये सारे के सारे मामले यूं तो देखने में अलग अलग है,किन्तु इनमे दो बातें कोमन हैं।
जवाब देंहटाएं१..संप्रग सरकार २..सी० बी० आइ०
इस सप्रंग में मुख्य तत्व कांग्रेस ही है और कांग्रेस तो सदा से ही रांडबाज रही है जिसने हमेशा सत्ताप्रतिष्ठान(सी.बी.आई . जैसे सारे अंग) को रंडी कि तरह से इस्तेमाल किया है.
Natinal pride ghus gaya chulhe mein | aur Islam- Isai Congress (I) working on unannounced of INDIA Queen Madam Maino (alias Sonia Gandi) Imported plan to Destroy what ever is left, so that in future nobody could dare asking for Nationhood as propounded by our VEDAS and Rishies.
जवाब देंहटाएंNot only CBI each and every administrative leak is being used to propagate the wishes of our enemies with aims
1 To destroy any possibility of India becoming Superpower.
2. To get a lump population of thoughtless maintenance-free sheeps to cater the growing requirement of Christianity to fight against Muslims. That is to get slaves.
3. To make India market for Christian and Muslim lifestyles.
4. To destroy any possibilities of rising of BHARAT as greatest guru of knowledge & Science along with spirituality