नाथूराम गोडसे व गाँधी ........भाग २
जैसा की पिछले भाग में बताया गया है कि गोडसे गाँधी की मुस्लिम तुस्टीकरण की निति से किस प्रकार छुब्द था अब उससे आगे के बयान ...................................
अनुच्छेद ७० का भाग ग ........................जब खिलाफत आन्दोलन असफल हो गया ----------------------------------------------इस ध्येय के लिए गाँधी अली भाइयों ने गुप्त से अफगानिस्तान के अमीर को भारत पर हमला करने का निमंत्रण दिया.इस षड़यंत्र के पीछे बहुत बड़ा इतिहास है। ----------------------------------------गाँधी जी के एक लेख का अंश नीचे दिया जा रहा है................."मै नही समझता कि जैसे ख़बर फैली है,अली भाइयों को क्यो जेल मे डाला जाएगा और मै आजाद रहूँगा?उन्होंने ऐसा कोई कार्य नही किया है कि जो मे न करू। यदि उन्होंने अमीर अफगानिस्तान को आक्रमण के लिए संदेश भेजा है,तो मै भी उसके पास संदेश भेज दूँगा कि जब वो भारत आयेंगे तो जहाँ तक मेरा बस चलेगा एक भी भारतवासी उनको हिंद से बहार निकालने में सरकार कि सहायता नही करेगा।"
अनुच्छेद ७० का भाग ठ........................हिन्दी के विरूद्ध हिदुस्तानी ----------------राष्ट्र भाषा के प्रश्न पर गाँधी जी ने मुसलमानों का जिस प्रकार अनुचित पक्षलिया------------------किसी भी द्रष्टि से देखा जाय तो राष्ट्रभाषा बनने का अधिकार हिन्दी को है। परंतु मुसलमानों खुश करने के लिए वे हिन्दुस्तानी का प्रचार करने लगे------------------------------यानि बादशाह राम व बेगम सीता जैसे शब्दों का प्रयोग होने लगा। ------------------------हिन्दुस्तानी के रूप में स्कूलों में पढ़ाई जाने लगी इससे कोई लाभ नही था ,प्रत्युत इसलिए की मुस्लमान खुश हो सके। इससे अधिक सांप्रदायिक अत्याचार और क्या होगा? ----------------------------------
अनुच्छेद ७० का भाग ड................................न गाओ वन्देमातरम ----------------कितनी लज्जा जनक बात है की मुस्लमान वन्देमातरम पसंद नही करते। गाँधी जी पर जहाँ तक हो सका उसे बंद करा दिया। ------------------------------------------------
अनुच्छेद ७० का भाग ढ ......................................गाँधी ने शिवबवनी पर रोक लगवा दी ------------------------शिवबवनी ५२ छंदों का एक संग्रह है,जिसमे शिवाजी महाराज की प्रशंसा की गई है.---------------इसमे एक छंद में कहा गया है की अगर शिवाजी न होते तो सारा देश मुस्लमान हो जाता। ---------------------इतिहास और हिंदू धर्म के दमन के अतिरिक्त उनके सामने कोई सरल मार्ग न था।
अनुच्छेद ७० का भाग फ ..................................कश्मीर के विषय में गाँधी हमेशा ये कहते रहे की सत्ता शेख अब्दुल्ला को सौप दी जाय, केवल इसलिए की कश्मीर में मुसाल्मान अधिक है। इसलिए गाँधी जी का मत था की महाराज हरी सिंह को सन्यास लेकर काशी चले जन चाहिए,परन्तु हैदराबाद के विषय में गाँधी की निति भिन्न थी। यद्यपि वहां हिन्दुओं की जनसँख्या अधिक थी ,परन्तु गाँधी जी ने कभी नही कहा की निजाम फकीरी लेकर मक्का चला जाय।
अनुच्छेद ७० का भाग म ..............................कोंग्रेस ने गाँधी जी को सम्मान देने के लिए चरखे वाले झंडे को राष्ट्रिय ध्वज बनाया। प्रत्येक अधिवेशन में प्रचुर मात्रा में ये झंडे लगाये जाते थे. -------------------------------इस झंडे के साथ कोंग्रेस का अति घनिष्ट समबन्ध था। नोआखली के १९४६ के दंगों के बाद वह ध्वज गाँधी जी की कुटिया पर भी लहरा रहा था, परन्तु जब एक मुस्लमान को ध्वज के लहराने से आपत्ति हुई तो गाँधी ने तत्काल उसे उतरवा दिया। इस प्रकार लाखों करोडो देशवासियों की इस ध्वज के प्रति श्रद्धा को अपमानित किया। केवल इसलिए की ध्वज को उतरने से एक मुस्लमान खुश होता था।
अनुच्छेद ७८ .........................गाँधी जी -----------------------------सुभाषचंद्र बोस अध्यक्ष पद पर रहते हुए गाँधी जी की निति पर नही चले। फ़िर भी वे इतने लोकप्रिय हुए की गाँधी जी की इच्छा के विपरीत पत्ताभी सीतारमैया के विरोध में प्रबल बहुमत से चुने गए ------------------------गाँधी जी को दुःख हुआ.उन्होंने कहा की सुभाष की जीत गाँधी की हार है। -----------------जिस समय तक सुभाष बोस को कोंग्रेस की गद्दी से नही उतरा गया तब तक गाँधी का क्रोध शांत नही हुआ।
अनुच्छेद ८५ .......................मुस्लिम लीग देश की शान्ति को भंग कर रही थी। और हिन्दुओं पर अत्याचार कर रही थी। -------------------कोंग्रेस इन अत्याचारों को रोकने के लिए कुछ भी नही करना चाहती थी,क्यो की वह मुसलमानों को प्रसन्न रखना चाहती थी। गाँधी जी जिस बात को अपने अनुकूल नही पते थे ,उसे दबा देते थे। इसलिए मुझे यह सुनकर आश्चर्य होता है की आजादी गाँधी जी ने प्राप्त की । मेरा विचार है की मुसलमानों के आगे झुकना आजादी के लिए लडाई नही थी।------------------गाँधी व उनके साथी सुभाष को नष्ट करना चाहते थे।
अनुच्छेद ८८ ..........................गाँधी जी के हिंदू मुस्लिम एकता का सिद्धांत तो उसी समय नष्ट हो गया, जिस समय पाकिस्तान बना। प्रारम्भ से ही मुस्लिम लीग का मत था की भारत एक देश नही है। ------------------------------------हिंदू तो गाँधी के परामर्श पर चलते रहे किंतु मुसलमानों ने गाँधी की तरफ़ ध्यान नही दिया और अपने व्यवहार से वे सदा हिन्दुओं का अपमान और अहित करते रहे और अंत में देश दो टुकडों में बँट गया।
क्रमश
अनुच्छेद ७० का भाग ग ........................जब खिलाफत आन्दोलन असफल हो गया ----------------------------------------------इस ध्येय के लिए गाँधी अली भाइयों ने गुप्त से अफगानिस्तान के अमीर को भारत पर हमला करने का निमंत्रण दिया.इस षड़यंत्र के पीछे बहुत बड़ा इतिहास है। ----------------------------------------गाँधी जी के एक लेख का अंश नीचे दिया जा रहा है................."मै नही समझता कि जैसे ख़बर फैली है,अली भाइयों को क्यो जेल मे डाला जाएगा और मै आजाद रहूँगा?उन्होंने ऐसा कोई कार्य नही किया है कि जो मे न करू। यदि उन्होंने अमीर अफगानिस्तान को आक्रमण के लिए संदेश भेजा है,तो मै भी उसके पास संदेश भेज दूँगा कि जब वो भारत आयेंगे तो जहाँ तक मेरा बस चलेगा एक भी भारतवासी उनको हिंद से बहार निकालने में सरकार कि सहायता नही करेगा।"
अनुच्छेद ७० का भाग ठ........................हिन्दी के विरूद्ध हिदुस्तानी ----------------राष्ट्र भाषा के प्रश्न पर गाँधी जी ने मुसलमानों का जिस प्रकार अनुचित पक्षलिया------------------किसी भी द्रष्टि से देखा जाय तो राष्ट्रभाषा बनने का अधिकार हिन्दी को है। परंतु मुसलमानों खुश करने के लिए वे हिन्दुस्तानी का प्रचार करने लगे------------------------------यानि बादशाह राम व बेगम सीता जैसे शब्दों का प्रयोग होने लगा। ------------------------हिन्दुस्तानी के रूप में स्कूलों में पढ़ाई जाने लगी इससे कोई लाभ नही था ,प्रत्युत इसलिए की मुस्लमान खुश हो सके। इससे अधिक सांप्रदायिक अत्याचार और क्या होगा? ----------------------------------
अनुच्छेद ७० का भाग ड................................न गाओ वन्देमातरम ----------------कितनी लज्जा जनक बात है की मुस्लमान वन्देमातरम पसंद नही करते। गाँधी जी पर जहाँ तक हो सका उसे बंद करा दिया। ------------------------------------------------
अनुच्छेद ७० का भाग ढ ......................................गाँधी ने शिवबवनी पर रोक लगवा दी ------------------------शिवबवनी ५२ छंदों का एक संग्रह है,जिसमे शिवाजी महाराज की प्रशंसा की गई है.---------------इसमे एक छंद में कहा गया है की अगर शिवाजी न होते तो सारा देश मुस्लमान हो जाता। ---------------------इतिहास और हिंदू धर्म के दमन के अतिरिक्त उनके सामने कोई सरल मार्ग न था।
अनुच्छेद ७० का भाग फ ..................................कश्मीर के विषय में गाँधी हमेशा ये कहते रहे की सत्ता शेख अब्दुल्ला को सौप दी जाय, केवल इसलिए की कश्मीर में मुसाल्मान अधिक है। इसलिए गाँधी जी का मत था की महाराज हरी सिंह को सन्यास लेकर काशी चले जन चाहिए,परन्तु हैदराबाद के विषय में गाँधी की निति भिन्न थी। यद्यपि वहां हिन्दुओं की जनसँख्या अधिक थी ,परन्तु गाँधी जी ने कभी नही कहा की निजाम फकीरी लेकर मक्का चला जाय।
अनुच्छेद ७० का भाग म ..............................कोंग्रेस ने गाँधी जी को सम्मान देने के लिए चरखे वाले झंडे को राष्ट्रिय ध्वज बनाया। प्रत्येक अधिवेशन में प्रचुर मात्रा में ये झंडे लगाये जाते थे. -------------------------------इस झंडे के साथ कोंग्रेस का अति घनिष्ट समबन्ध था। नोआखली के १९४६ के दंगों के बाद वह ध्वज गाँधी जी की कुटिया पर भी लहरा रहा था, परन्तु जब एक मुस्लमान को ध्वज के लहराने से आपत्ति हुई तो गाँधी ने तत्काल उसे उतरवा दिया। इस प्रकार लाखों करोडो देशवासियों की इस ध्वज के प्रति श्रद्धा को अपमानित किया। केवल इसलिए की ध्वज को उतरने से एक मुस्लमान खुश होता था।
अनुच्छेद ७८ .........................गाँधी जी -----------------------------सुभाषचंद्र बोस अध्यक्ष पद पर रहते हुए गाँधी जी की निति पर नही चले। फ़िर भी वे इतने लोकप्रिय हुए की गाँधी जी की इच्छा के विपरीत पत्ताभी सीतारमैया के विरोध में प्रबल बहुमत से चुने गए ------------------------गाँधी जी को दुःख हुआ.उन्होंने कहा की सुभाष की जीत गाँधी की हार है। -----------------जिस समय तक सुभाष बोस को कोंग्रेस की गद्दी से नही उतरा गया तब तक गाँधी का क्रोध शांत नही हुआ।
अनुच्छेद ८५ .......................मुस्लिम लीग देश की शान्ति को भंग कर रही थी। और हिन्दुओं पर अत्याचार कर रही थी। -------------------कोंग्रेस इन अत्याचारों को रोकने के लिए कुछ भी नही करना चाहती थी,क्यो की वह मुसलमानों को प्रसन्न रखना चाहती थी। गाँधी जी जिस बात को अपने अनुकूल नही पते थे ,उसे दबा देते थे। इसलिए मुझे यह सुनकर आश्चर्य होता है की आजादी गाँधी जी ने प्राप्त की । मेरा विचार है की मुसलमानों के आगे झुकना आजादी के लिए लडाई नही थी।------------------गाँधी व उनके साथी सुभाष को नष्ट करना चाहते थे।
अनुच्छेद ८८ ..........................गाँधी जी के हिंदू मुस्लिम एकता का सिद्धांत तो उसी समय नष्ट हो गया, जिस समय पाकिस्तान बना। प्रारम्भ से ही मुस्लिम लीग का मत था की भारत एक देश नही है। ------------------------------------हिंदू तो गाँधी के परामर्श पर चलते रहे किंतु मुसलमानों ने गाँधी की तरफ़ ध्यान नही दिया और अपने व्यवहार से वे सदा हिन्दुओं का अपमान और अहित करते रहे और अंत में देश दो टुकडों में बँट गया।
क्रमश
congresh ki nitiyon ke karan hamara itihas hijdon ke haaton me chala gaya.nathuram ke poore bayan likhen.
जवाब देंहटाएंnaveen ji maiaapke kuch lekh apne blog par dalna chahta hoon.krapa aagya den.
जवाब देंहटाएंmahatma gandhi chahte to shahid bhagat sih ko fasi nahi hoti........ agar wo chahte to desh ka batwara nahi hota.......
जवाब देंहटाएंnaveen ji namaskar...aaj mujhe nathuram godse ke upar likha gaya lekh pehli baar padhne ka mauka mila..gandhi ke bare main itna sabkuch hone ke baad bhi desh ke neta ab bhi har saal karoron rupayee us gandhi pe kharch kar rahe hain...jiska koi auchitya nahin banta hai???
जवाब देंहटाएंvery good
जवाब देंहटाएंमुझे कभी कभी प्रश्न पडता हैं कि
जवाब देंहटाएंगांधी हिंदू था कि मुसलमान
thanks for this information
जवाब देंहटाएंHi Sir ,I am a software developer. I always think that Nathuram was hindu and why he shoot to gandhi.After Reading thses reasons i wana that these all statement all known by each hindu person so that he can a respect to nathu
जवाब देंहटाएंHINDI aur HINDU (vastav me vaidik ya sanatan) dharm ka koi sambandh nahi hai. HINDI vastav me URDU ka hi devnagari version hai.
जवाब देंहटाएंसायद आपका इतिहास का ज्ञान स्तर जो भी हो परंतु वास्तव में वैदिक भांषा संस्कृत है।
हटाएंऔर
मेरे अनुसार उर्दू को अरबी और बृजी को मिलाकर ही बनाया गया था
12 bajay basti may kaun aya or kya karthey sabko malum hai
हटाएं@हनवंतसिंघ ने कहा…
जवाब देंहटाएंu have zero knowledge about anything
Urdu is not a language because it does not have his script,word and grammer
Urdu has script of arab,words from farsi and grammer of hindi
every indian language have their regional like talgu is from andhra side tamil is from tamil side right!
hindi has more than one states
but urdu has no state why?????????
because it created intentionally on bases of religion .
हमें इंतज़ार है इससे आगे के बारे में जानने का......
जवाब देंहटाएंPlz आप मुझे मेल कर दीजिये आगे का लिख कर
मेरी मेल ID है
jaura.chetan@gmail.com
Main Intgaar Karunga Use Din Ka Jis Din Hmare Desh k Asli Hero {Bhagat Shigh Aur Uske Sathiyo}Ko Pura Desh Ghandi Se Jyadha Samaan De Aur Inhe Nationl Heros Goshit Karke Inke Janmdin Ko JanamDivs Ke Roop Me Manaye aur Use National Holiday Banaya Jaye.
जवाब देंहटाएंnaveenji muze bahot accha laga gdndhi ki asliyat ab aap duniya ke samne rakh dijiye
जवाब देंहटाएंsubhas manavta ke dusman hitlar ka saath le kar angrejo se ladna chate the,isliye gandhi subhas ke khilap the
जवाब देंहटाएंangrejo ke bharat aane se pahle ham 1000 varsho se musalmano ke gulam the,sach to yah hai ki angrejo ne musalmano se satta chhin kar hame di,ham apne bal par musalmano se satta prapt nahi kar sakte the
जवाब देंहटाएंtt
जवाब देंहटाएंIt is very much unfortunate that we are governing by Congress govt.............
जवाब देंहटाएंsach kahu to gandhi ne desk ko kharab kar diya wo chahta to bagat sing bhi jinda hote aaj jo kuch bhi ho raha hai usme bhi gandhi hi jimmedar hai
जवाब देंहटाएंMujhe to lagta hai sab logo ka dimag kharab ho gaya hai. Aap log Gandhi Ji ke dwara kige gaye achche kaam bhi to dekh lijiye.
जवाब देंहटाएंoay gandhi ke dulare tu bata tu hindu hai ya muslim.........
हटाएंTeri maa ki choot gandhi ne aisa kya kaam kiya hai jiske liye ws madachowd ko yaad kare sale gaddar madarchowd muslman ke lawde
हटाएंगाँधी की माँ मुसलमानो ने चोदी थी ।ये मुसलमानो की नाजायज औलाद है
जवाब देंहटाएंpagal aadmi tha
हटाएंkya baat kahi aapne.... jaroor aisa hi hua hoga
हटाएंtt
जवाब देंहटाएंto phir ye baat samne kyu nahi aayi.
जवाब देंहटाएंGANDI MADAR CHODH THA
जवाब देंहटाएंmahan sir nathu ram godse...... unhone ak napunsak ka vadh kiyaaaa
जवाब देंहटाएंlgta hai lod chandra shekhar ajad, rajguru, sukhdev ko bul gyi... lekin ye log hi sacche deshbakt the
जवाब देंहटाएंmai 3rd part ka intzaar kar raha hu.... plz sabhi bhago k link mail kar dijiye.... brahman21@gmail.com
जवाब देंहटाएंmai 3rd part ka intzaar kar raha hu.... plz sabhi bhago k link mail kar dijiye.... brahman21@gmail.com
जवाब देंहटाएंitni gaali hoti hai aap ke comments me kya aaplogo ko nahi lagta hai ki muslmano ka birodh karte huye hum hinduon me se kuch log muslmano ke astar par hi utar ayen hai. kam se kam hamari bhasa to aise honi chayen ki loog hamari batton ko gambhirta se le ya aapne bhi islam kabul kar liya hai, agar nahi to unke jasi galion wali bhasa kyun bool raheo ho...
जवाब देंहटाएंthanks sir ji
जवाब देंहटाएंGandhi Nahru Privar ne es desh ko jitna nuksan pahuchaya hai utna to angrejon ne bhi nhi kiya vo bat alg h enke bare me hme jankari hme nhi mi pa rhi hai. Kyoki hm bebkuf log pichhle 60 salon se esi privar ko raj gaddi pr baitate rhe hain. Ab moka h 2014 me khona mt sathi.
जवाब देंहटाएंgadhi ko jaldi marna chayie tha
जवाब देंहटाएंye sbhi hindu jante hai ki congress aur gandhi ne desh ko brbad kiya,,,,phir bhi hum ikjut kyo nhi hote.....humlog chahenge to bhir se ise hidu rastra ghosit krke nyi sambidhan bna skte hai
जवाब देंहटाएं