अंतरताने पर हिंदुत्व के योद्धा सुरेश(suresh) (पांचजन्य ३० जनवरी २०११)

सबसे पहले तो में अपने सभी अनुसरनकर्ताओं को धन्यवाद देता हूँ कि आपने मुझे शतकधारी बनायाआपका समय समय पर सहयोग मिलता रहा किन्तु कभी तो कार्य भार की वजह से ,तो कभी स्वास्थ्य के कारण लेखन में निरंतरता की कमी रही ब्लॉग लेखन को वर्ष पुरे होने वाले हैं। आशा करता हूँ कि आपका प्यार सहयोग हमेशा की तरह मिलता रहेगा

२६ फ़रवरी को ब्लॉग लेखन के मेरे वर्ष पूरे हो जायेंगेइस अवसर पर मैं ब्लॉग जगत के उस महारथी को याद करना चाहता हूँ ,जिसके ब्लॉग को पढ़कर मुझे ब्लॉग लेखन की प्रेरणा मिली

अभी हाल ही में मैंने पांचजन्य पत्रिका में धांकड़ ब्लोगर सुरेश चिपलूनकर के बारे में एक आर्टिकिल पढ़ा,आपके सामने वही आर्टिकिल प्रस्तुत कर रहा हूँ


"सुरेश चिपलूनकर का चेहरा जितना शांत दीखता है उतना ही तेज उनकी आँखों में ' उतनी ही तेजस्विता है हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के रक्षक और हिंदुत्व द्रोहियों ,राष्ट्र विरोधियों ,छध्म सेकुलरवाद,आतंकवाद, जिहाद एवं मतान्तरण के खिलाफ आक्रमक तेवरों ने उन्हें अंतरताने की दुनिया का राजा बना दिया है

...........................................आज सुरेश चिपलूनकर अंतरताने की दुनिया में कोई अनजाना नाम नहीं हैवे वर्ष २००७ में अंतरताने की दुनिया में आये थेतब अंतरताने तो इतना लोकप्रिय था,और ही व्यवसायिकलेकिन उनको हिंदुत्व को सूचना के स्टार पर मजबूती पहचाने का जूनून हैवे हिंदुत्व आधारित एक ऐसा अन्तह छेत्र बनाने की तमन्ना रखते हैं जो देशद्रोहियों हिंदुत्व विरोधियों को को करार जवाब दे सकें। यह काम वे लोगों के सहयोग से करना चाहते हैं१८ जुलाई सन १९६५ को पैदा हुए सुरेश की प्रारंभिक शिक्षा सीधी के शिशु मंदिर में और माध्यमिक शिक्षा अंबिकापुर में हुईछिन्द्वारा से विज्ञान से स्नातक होने के बाद नोकरी के बजाय आपका काम शुरू कर दियावे पेशे से पत्रकार नहीं हैं,लेकिन लिखने की कला और धार दोनों में पारंगत हैंहिंदुत्व और राष्ट्रवाद में उनकी गहरी आस्था हैआज उनको पढने वालों की एक बड़ी संख्या विकसित हो चुकी हैउनके लेखन के विरोधी उनकी भाषा शैली से भले ही सहमती रखते हों ,किन्तु कोई भी उनके विषय चयन और तथ्यों को नहीं नकार सकता।

सोनिया की नागरिकता, शिक्षा-दीक्षा आदि से सम्बंधित डाक्टर सुब्रमन्यम स्वामी के लेखों के अनुवाद ,मतदान मशीन से छेड़छाड़ ,कश्मीर कोंग्रेस के छद्म सेकुलरवाद पर किये जा रहे दुष्प्रचारों के खिलाफ लिखे गए लेखों ne चिपलूनकार को चर्चित भी किया और प्रसिद्धि भी दी।"

(पांचजन्य ३० जनवरी २०११)

टिप्पणियाँ

  1. आज उनको पढने वालों की एक बड़ी संख्या विकसित हो चुकी है। उनके लेखन के विरोधी उनकी भाषा शैली से भले ही सहमती न रखते हों ,किन्तु कोई भी उनके विषय चयन और तथ्यों को नहीं नकार सकता।

    सत्य कहा आपने ..हम भी उनमें से एक है जो उनके लेखन ,विचारों और चिंतन से प्रभावित है

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  2. सुरेशजी को मेरा सत् सत् नमन

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  3. dosto yha musalman hajar sal se hindu ke shath yudhe rat hain magar hamare raja maharaja ne rajput dharam ka palan keya aur hindu darshan ke anurup nayaypurn aacharan keya par ab shmay aagaya hai jab tak bharat ke sheema hindukush tak nahi pahuchti tabtak hamara rashtra shurakshit nahi hai ek baar phir se musalman aakraman bharat ke samne khara hai main ne gujrat ke hajipeer gaya tha meera aapna anuman hai aagla taleban akraman shindha ke raste hooga maagar hamari hizdo ke sarkar upa sarkar mushlmano ko tustikaran main lagi hai main kafhi en musalmano ke sath raha jab tak hindu samaj ka ekikaran nahi hoga hum enka mukabla nahin kar shakte rss pad shi bchlet ho gai hai bjp ko margdarshan karnilayak neta nahin hai narendra modi jee abhi gujrat main phase hua hain shwamivevekanand ke baad koi shudharak en 100 shalo main nahai hua hai agar hindu ko bachana hai to samaj ka purana aadrsh lana hoga samaj ke sabhi bargo kosath lana hoga pahale hindu ko majboot karo desh khud majboot ho jayga" aao ham rashtra nirman karain tan she man se man ur tan she nau bharat ka nirman karain aari khra hai aaj khada hai aaj duar bhshuda kahati hai aaj pukar aaijaag aryo ke shantan jag chal melkar maakali ka shringar karain hain ham main hi partap shiva chal aao nau haldi gati ka nirman karain shero ke aashan par baite hain shrigal ham meelkar delhi ka uddhar karain dekhu ye shatru purana hai aao bharat ka nirman karain tan she man she man ur tan she .

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